Thursday, January 23, 2014

काश ....................................

काश हम  उनके दिल कि धड़कन बन पाते ,
काश हम उनकी साँसो कि  खुश्बू बन पाते।
वो   कहते हैं के रहते हैं हम तुम्हारे दिल में ,
काश हम  भी उनसे ऐसा ही कुछ कह पाते।

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डरते हैं  सपने संजोने से के कहीं टूट  न जाये ,
डरते हैं किसी के पास जाने से कहीं बिछड़ न जाये।
महोब्बत करके भी इजहार करने से डरते हैं ,
के कहीं जो हाथ पकड़ा वो हाथ छूट न जाये।


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क्यो हम उनसे अपनेपन कि उम्मीद लगा बैठे ,
खुद को भुला केर उनसे दिल लगा बैठे।
जानते हैं के कदर नहीं उन्हें हमारी महोब्बत कि ,
फिर क्यों हम उनसे थोड़ी सी वफ़ा कि उम्मीद लगा बैठे।  

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